Guru Ravidas Jayanti 2025 : Celebrating the Legacy of the Revered Saint-Poet

Guru Ravidas Jayanti 2025 : Celebrating the Legacy of the Revered Saint-Poet



गुरु रविदास जयंती 2024: इतिहास, महत्व और उत्सव की पूरी जानकारी

गुरु रविदास जयंती 2024 कब है?

गुरु रविदास जयंती 2024 इस साल 24 फरवरी (शनिवार) को मनाई जाएगी। यह पर्व माघ पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इसे विशेष रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।



गुरु रविदास कौन थे? – जीवन परिचय (Guru Ravidas Biography in Hindi)

गुरु रविदास जी 15वीं शताब्दी के एक महान संत, समाज सुधारक और भक्तिकाल के प्रमुख कवि थे। उनका जन्म माघ पूर्णिमा (1377 ईस्वी) को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे दलित समाज से संबंध रखते थे और उनके पिता रघु जी एक चर्मकार (चमड़े का काम करने वाले) थे।

गुरु रविदास जी की प्रमुख शिक्षाएं

  1. जाति-पाति का विरोध – उन्होंने कहा कि सभी इंसान समान हैं और ईश्वर के लिए न कोई ऊंचा है, न कोई नीचा।
  2. सभी धर्मों का सम्मान – उन्होंने हिंदू और मुस्लिम धर्मों की एकता पर जोर दिया।
  3. परिश्रम और ईमानदारी – गुरु जी ने कहा कि सच्ची भक्ति वही है जिसमें परिश्रम और ईमानदारी हो।
  4. ईश्वर एक है – उन्होंने ‘रैदास पंथ’ की स्थापना की और यह संदेश दिया कि "मन चंगा तो कठौती में गंगा"
  5. बेगमपुरा का विचार – उन्होंने एक ऐसे आदर्श समाज की कल्पना की थी जहाँ न कोई दुख हो, न कोई जात-पात का भेदभाव।

गुरु रविदास जयंती का महत्व

गुरु रविदास जयंती उनके विचारों और शिक्षाओं को याद करने का दिन है। इस दिन लाखों श्रद्धालु उनकी जन्मस्थली पर जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। उनके अनुयायी इस दिन सत्संग, भजन-कीर्तन और नगर कीर्तन का आयोजन करते हैं।

गुरु रविदास जयंती के प्रमुख अनुष्ठान

  1. नगर कीर्तन – बड़ी संख्या में श्रद्धालु नगर कीर्तन में भाग लेते हैं और गुरु जी की शिक्षाओं का प्रचार करते हैं।
  2. भजन-कीर्तन और सत्संग – इस दिन मंदिरों और गुरुद्वारों में विशेष भजन-कीर्तन और प्रवचन होते हैं।
  3. लंगर सेवा – हर साल लाखों श्रद्धालु निःशुल्क लंगर सेवा में भाग लेते हैं।
  4. पवित्र स्नान – वाराणसी, अमृतसर और अन्य धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं।

गुरु रविदास के प्रमुख योगदान

1. सामाजिक सुधारक के रूप में योगदान

गुरु रविदास ने समाज में व्याप्त छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने यह संदेश दिया कि कर्म ही सच्ची पहचान है, जाति नहीं।

2. भक्ति आंदोलन में योगदान

भक्ति आंदोलन में उनका विशेष योगदान रहा। वे कबीर, सूरदास, मीराबाई और तुलसीदास जैसे संतों के समकालीन थे। मीराबाई ने गुरु रविदास को अपना आध्यात्मिक गुरु माना था।

3. रैदास पंथ की स्थापना

उनकी शिक्षाओं के अनुयायी आज भी 'रैदास पंथ' को मानते हैं। उनके विचारों ने सिख धर्म को भी प्रभावित किया।



गुरु रविदास जयंती 2024 – कैसे मनाएं?

1. घर में कैसे मनाएं?

  • घर में गुरु रविदास जी के भजन और आरती करें
  • उनके उपदेशों को पढ़ें और समझें।
  • गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।

2. मंदिर और गुरुद्वारों में जाकर सेवा करें

  • इस दिन विशेष रूप से गुरु रविदास मंदिरों और गुरुद्वारों में संगत करें
  • लंगर सेवा में भाग लें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।

3. सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएं

  • उनके विचारों को WhatsApp, Facebook, Instagram, YouTube और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर शेयर करें।
  • गुरु रविदास के प्रसिद्ध दोहों और शिक्षाओं को लोगों तक पहुँचाएं।

गुरु रविदास जी के प्रसिद्ध दोहे और उनके अर्थ

1. मन चंगा तो कठौती में गंगा

अर्थ: यदि आपका मन शुद्ध और निर्मल है तो किसी तीर्थ पर जाने की आवश्यकता नहीं, ईश्वर तो हर जगह हैं।

**2. ऐसा चाहूँ राज मैं, जहाँ मिले सबन को अन्न।

छोट-बड़ो सब सम बसे, रैदास रहे प्रसन्न।।**
अर्थ: गुरु रविदास एक ऐसे समाज की कल्पना करते थे जहाँ कोई भूखा न रहे और सभी समान रूप से प्रेम से रहें।

**3. जाति-जाति में जाति है, जो केतन के पात।

रैदास मनुष ना जुड़ सके, जब तक जाति न जात।।**
अर्थ: जब तक जातिवाद रहेगा, इंसान एक नहीं हो सकता। इसलिए इसे खत्म करना चाहिए।


गुरु रविदास जयंती 2024 का विशेष आयोजन

हर साल पंजाब के श्री गुरु रविदास जन्मस्थली मंदिर (वाराणसी) में भव्य कार्यक्रम होता है। यहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। पंजाब सरकार और अन्य संगठनों द्वारा भी विशेष आयोजन किए जाते हैं।


गुरु रविदास जयंती से जुड़े रोचक तथ्य

  • गुरु ग्रंथ साहिब में उनके 41 भजन संकलित हैं।
  • वे मीरा बाई के आध्यात्मिक गुरु थे।
  • उनके अनुयायियों को रविदासिया कहा जाता है।
  • संत रविदास की वाणी सिख धर्म पर भी गहरा प्रभाव डालती है।

निष्कर्ष

गुरु रविदास जयंती न केवल उनकी याद में मनाया जाने वाला एक पर्व है, बल्कि यह हमें उनके विचारों और शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा देता है। समानता, प्रेम, ईमानदारी और परिश्रम को महत्व देते हुए हम सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए।


गुरु रविदास जयंती 2024 से जुड़े सवाल

Q1: गुरु रविदास जयंती 2024 कब है?

उत्तर: इस साल गुरु रविदास जयंती 24 फरवरी 2024 (शनिवार) को मनाई जाएगी।

Q2: गुरु रविदास जी की प्रमुख शिक्षाएं क्या थीं?

उत्तर: उन्होंने जातिवाद का विरोध किया, परिश्रम और ईमानदारी पर जोर दिया, और कहा कि सभी इंसान समान हैं।

Q3: गुरु रविदास जी का सबसे प्रसिद्ध दोहा कौन-सा है?

उत्तर: "मन चंगा तो कठौती में गंगा" – इसका अर्थ है कि मन शुद्ध हो तो तीर्थयात्रा की आवश्यकता नहीं।

Q4: गुरु रविदास जी का जन्म कहां हुआ था?

उत्तर: उनका जन्म वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था।


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